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कविता

दिल चुरावे ना आवेला उनका

मनोज भावुक


दिल चुरावे ना आवेला उनका
गुल खिलावे ना आवेला उनका

बात के त लगा लेलें दिल से
दिल लगावे ना आवेला उनका

जान से जादा चाहेलें हमके
ई बतावे ना आवेला उनका

साध लागेला हमरो कि रुसीं
पर मनावे ना आवेला उनका

बाड़े गजबे छलक जालें कतहूँ
गम छुपावे ना आवेला उनका

सब पे विश्वास कर लेलें भावुक
आजमावे ना आवेला उनका

 


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